मुजफ्फरनगर में एक युवक पत्नी की प्रताड़ना से इतना पीड़ित हुआ कि वह पोस्टर लेकर डीएम कार्यालय पहुंचा और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति से इच्छा‑मृत्यु की गुहार लगाई। ज़ाने पूरा मामला और पुलिस की क्या प्रतिक्रिया थी।
सोमवार की सुबह मुज़फ़्फ़रनगर-कलेक्ट्रेट से एक अजीब दृश्य देखने को मिला है | एक युवक के हाथ में पोस्टर लेकर भीतर प्रवेश किया - पोस्टर प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व डीएम से इच्छा मृत्यु की गुहार की |
ये दृश्य देखते ही लोग हैरान हो गए |
युवक की कहानी — दर्द और आक्रोश
मुजफ्फरनगर के गांधीनगर कॉलोनी का रहने वाला सुमित सैनी, जो जुलाई 2024 में शादी के बंधन में बंधा था, ने बताया:
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शादी के दूसरे दिन से ही उसकी पत्नी ने कहा कि "मैं किसी और से प्यार करती हूँ"
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वर्षों से मानसिक और शारीरिक हिंसा झेलता रहा — गला दबाने, धमकियाँ, झूठे आरोप
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पत्नी मायके चली गई, और उसकी आर्थिक स्थिति तबाह हो गई — परिवार से बेघर, और बैंक से लिए गए पैसे पर उजाड़ ।
अंत में इतनी निराशा हुई कि उसने इच्छा‑मृत्यु की गुहार लगा दी।
पोस्टर में क्या लिखा था?
सुमित ने एक बैनर–पोस्टर तैयार किया, जिसमें:
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राष्ट्रपति, पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छा‑मृत्यु की अनुमति की अपील
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अपनी व्यथा और परेशानियों का विवरण
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“मरने की इच्छा है” जैसे ताकतवर शब्द — जो जन भावना को झकझोर देते हैं
क्या यह केवल व्यक्तिगत मामला है?
यह मामला महज़ व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन में पुरुषों के खिलाफ घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना का एक गंभीर संकेत है। यह सवाल खड़ा करता है:
क्या पुरुषों की पीड़ा को समाज और कानून उस गहराई से समझते हैं जितना ज़रूरी है?
निष्कर्ष (Conclusion):
मुजफ्फरनगर की यह घटना केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं, बल्कि समाज में मौजूद लिंग आधारित पूर्वाग्रह और कानूनी असंतुलन की ओर संकेत करती है।
जरूरत है कि हम पुरुषों की मानसिक और सामाजिक समस्याओं को भी उतनी ही गंभीरता से लें जितनी महिलाओं की लेते हैं।
👉 सवाल यह है:
क्या हमें अब “पुरुष सुरक्षा कानून” पर भी गंभीरता से चर्चा नहीं करनी चाहिए?