सोमवार की रात में दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के नागली गाँव में कुछ ऐसा हुआ जिसने पुरे गांव की नींद तोर दी - और साथ में बहुत सारे सवालों को भी जगा दिया |
एक पुराना कमरा, जिसकी दीवारें अब सील की जा चुकी हैं। अंदर दो लाशें — एक लड़का और एक लड़की की। दोनों के चेहरे शांत, जैसे ज़िंदगी से थक चुके हों। मगर सवाल ये है — क्या ये खुद की चुनी हुई मौत थी ? या किसी और ने उन्हें ये रास्ता चुनने पर मजबूर किया ?
हमने सोचा, बस कोई गैस लीक हो गई होगी…
स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के करीब 9 बजे एक अजीब-सी बदबू पूरे गली में फैलने लगी। पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब बदबू बढ़ने लगी, तो शक हुआ।
गांव के दो लड़के दरवाज़ा तोड़कर अंदर घुसे और वहीं रुक गए। पलभर में पूरे गांव में खबर फैल गई: “कमरे में लाश है !”
वो लड़का-लड़की कौन थे?
नाम हम नहीं लिखेंगे, क्योंकि शायद अब उनके नाम से ज्यादा जरूरी है उनकी कहानी है।
दोनों एक-दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे। एक-दूसरे से प्यार करते थे। शादी करना चाहते थे। लेकिन परिवारों को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था।
गांव वालों के अनुसार, दोनों परिवारों के बीच पहले से ही खटास थी। कहने वाले कह रहे हैं, “कहां मंज़ूरी मिलनी थी ? ऊंच-नीच, जात-पात और इज़्ज़त का सवाल था…”
आख़िर हुआ क्या?
पुलिस मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक की टीम आई। कमरे को सील किया गया। दोनों की मौत को लेकर फिलहाल पुलिस के पास सिर्फ अनुमान ही हैं —
आत्महत्या?
ऑनर किलिंग?
या फिर कोई तीसरा ही राज?
फोन की रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, और पूरे गांव में सिर्फ फुसफुसाहटें ही हैं।
सवाल जो सबको परेशान कर रहे हैं...
क्या सच में दोनों ने अपनी मर्ज़ी से जान दी?
और अब क्या बचेगा?
दो लोगों की ज़िंदगी खत्म हो गई। दो परिवारों की दुनिया उजड़ गई। गांव एक सदमे में चला गया।
पर सबसे बड़ी बात ये है की — समाज फिर से सवालों से भाग जाएगा।
फिर से कोई बच्चा डरते-डरते प्यार करेगा।
फिर से कोई लड़की सोचती रहेगी — "घरवालों को बताऊं या नहीं?"